व्याख्या – देवता, दानव और मनुष्य तीनों ही आपके तेज को सहन करने में असमर्थ हैं। आपकी भयंकर गर्जना से तीनों लोक काँपने लगते हैं। जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै । कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । राम मिलाय राज पद https://penaias852lpr3.wikiworldstock.com/user