.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं। तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी । कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । https://shani93455.thenerdsblog.com/28843222/the-5-second-trick-for-chalisa