त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये। ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ नीलवर्णां त्रिनयनां शवासन समायुताम्। कुछ साधक पुस्तकों अथवा किन्हीं अन्य श्रोतों से मंत्र प्राप्त करके सीधे जप आरम्भ कर देते हैं, यह उचित नहीं है। कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली होते हैं, जो https://vashikaran75420.tinyblogging.com/details-fiction-and-baglamukhi-shabar-mantra-65340499